आलोक तोमर को लोग जानते भी हैं और नहीं भी जानते. उनके वारे में वहुत सारे किस्से कहे जाते हैं, ज्यादातर सच और मामूली और कुछ कल्पित और खतरनाक. दो बार तिहाड़ जेल और कई बार विदेश हो आए आलोक तोमर ने भारत में काश्मीर से ले कर कालाहांडी के सच बता कर लोगों को स्तब्ध भी किया है तो दिल्ली के एक पुलिस अफसर से पंजा भिडा कर जेल भी गए हैं. वे दाऊद इब्राहीम से भी मिले हैं और रजनीश से भी. वे टी वी, अखबार, और इंटरनेट की पत्रकारिता करते हैं.

Sunday, June 1, 2008

अतीत और भविष्य में जाने की तैयारी

अतीत और भविष्य में जाने की तैयारी

डेटलाइन इंडिया
कैप कार्निवाल, अमेरिका, 1 जून- अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पास एक पूरा कार्यक्रम भी है और इसके लिए पर्याप्त पैसा भी, लेकिन एक प्रयोग को ले कर खुद अमेरिका की सरकार से उसकी ठनी हुई है। यह प्रयोग सापेक्षता के नियम को इस्तेमाल करते हुए अतीत और भविष्य में यात्रा का है।

नोबेल पुरस्कार विजेता अल्बर्ट आइंस्टीन के इस सिध्दांत कें उनसार प्रकाश की गति से चलने पर पृथ्वी के समय से बहुत आगे और बहुत पीछे जाया जा सकता है। अब तक की अंतरिक्ष उड़ानों में इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि अंतरिक्ष यात्री यात्रा में छह महीने रहते हैं तो पृथ्वी पर छह साल का औसतन समय बीत जाता है। मंगल पर गए फीनिक्स को पृथ्वी के समय के हिसाब से वहां पहुंचने में छह महीने और दो दिन लगे जब कि फीनिक्स की घड़ियां बताती हैं कि यह यात्रा तिरेपन घंटे में पूरी हो गई। नासा के वैज्ञानिक भी मानते हैं कि सिध्दांत के तौर पर धरती के समय की सीमा को पार करते हुए अतीत और भविष्य दोनों में जाया जा सकता है।

1981 से लगातार नासा के प्रशासक अमेरिका सरकार से यह प्रयोग करने की अनुमति चाह रहे हैं लेकिन अमेरिकी सीनेट ने इस प्रयोग की नैतिकता और परिणामों पर लंबा विचार करके रपट अपने पास रख ली है। समिति की आपत्तिायां काफी व्यवहारिक और सनसनीखेज हैं। पहली आपत्तिा तो यह है कि मनुष्य अगर भविष्य में पहुंच गया तो वह अपनी अगली कई पीढ़ियों से एड़वांस में मिल लेगा और उससे सामाजिक रचना और व्यक्ति का जीवन भी प्रभावित होगा। वह अपनी मौत भी देख लेगा और खुद को दफनाए जाते हुए भी देख लेगा। ऐसा होने पर व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ने की पूरी संभावना है।

अमेरिकी सीनेट की कमेटी ने अतीत में जाने के बारे मे बहुत मनोरंजक उदाहरण दिया है। इसके अनुसार कोई व्यक्ति तीन पीढ़ी पीछे अतीत में पहुंचा और उसने वहां अपने दादा-दादी को जवानी की हालत में पाया। उसने किसी तरह उनकी हनीमून रोक दी, तो जाहिर है कि न उसके पिता पैदा होगें और न उसके इस संसार में आने का कोई कारण बचेगा। धारणा काल्पनिक ही है लेकिन अतीत में एक बार पहुंच कर वर्तमान हो जाने के बाद ऐसी किसी घटना से इंकार नही किया जा सकता। इसी तरह सीनेट ने यह भी एक तर्क दिया है कि आज की तारीख में अतीत में पहुंचने वाले किसी व्यक्ति का जमीन जायदाद का झगड़ा किसी से चल रहा है तो वह अतीत में जा कर उसके पूर्वजों को ही निपटा देगा और इस आधार पर आने वाली पीढ़ियां ही मिट जाएगीं।

नासा का यह सबसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रयोग के तौर पर भी इसीलिए खटाई में पड़ा है। चूहों और खरगोशों पर इस तरह के प्रयोग किए जा चुके हैं और वे सफल भी हुए हैं। एक खरगोशों के जोड़े को अंतरिक्ष में भेजा गया और तीन महीने बाद जब यह जोड़ा लौटा तो उसकी पीढ़ी के खरगोश बूढ़े हो कर मर भी चुके थे और उनकी तीसरी पीढ़ी चल रही थी। यह बहुत कुछ ऐसा ही है कि आप आज अंतरिक्ष में जाए, दो साल बाद लौटें तो अपने सारे दोस्तों की तस्वीरों पर माला चढ़ी देखें और शाम को जब टहलने निकले तो उन दोस्तों के बेटे या पोते पार्क में छड़ी ले कर टहलते हुए नजर आएं। सीनेट ने ईसाई धर्म का हवाला देते हुए इसे प्रकृति और ईश्वर के सिध्दांत के साथ अन्याय बताया है।

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