आलोक तोमर को लोग जानते भी हैं और नहीं भी जानते. उनके वारे में वहुत सारे किस्से कहे जाते हैं, ज्यादातर सच और मामूली और कुछ कल्पित और खतरनाक. दो बार तिहाड़ जेल और कई बार विदेश हो आए आलोक तोमर ने भारत में काश्मीर से ले कर कालाहांडी के सच बता कर लोगों को स्तब्ध भी किया है तो दिल्ली के एक पुलिस अफसर से पंजा भिडा कर जेल भी गए हैं. वे दाऊद इब्राहीम से भी मिले हैं और रजनीश से भी. वे टी वी, अखबार, और इंटरनेट की पत्रकारिता करते हैं.

Tuesday, April 29, 2008

सामने आई शाहरूख की ब्लू फिल्म

सामने आई शाहरूख की ब्लू फिल्म

डेटलाइन इंडिया

मुंबई, 29 अप्रैल- शाहरूख खान आज सफलता की बुलंदियों पर हैं लेकिन उनकी एक तथाकथित ब्लू फिल्म इन दिनों मुंबई में मौजूद और इसे इंटरनेट बेबसाइट पर भी डाल दिया गया है। शाहरूख के लगभग 12 मिनट की इस फिल्म के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को तलाश रहे हैं और हो सके तो उससे सौदा करने के लिए भी तैयार हैं।

यह गरमागरम सीन शाहरूख खान की शुरूआत की एक फिल्म माया मेमसाहब का हिस्सा हैं। यह फिल्म केतन मेहता ने बनाई थी और उनकी पत्नी दीपा साही इस फिल्म की हीरोइन थीं। केतन मेहता ने 15 साल पहले असाधारण उदारता का परिचय देते हुए शाहरूख और दीपा के बीच लगभग आधे घंटे तक एक बंद स्टूडियो में वास्तविक प्रेम लीला करवायी थी और उसे फिल्म में रखा था।

सेंसर बोर्ड को ये दृश्य इतने आपत्ति जनक लगे कि इन्हें फिल्म से निकाल दिया गया। फिल्म के फुटेज में ये दृश्य फिर भी मौजूद थे और अब किसी ने इनकी डीवीडी बना कर बाजार में उतार दी और एक बेबसाइट पर भी डाल दी है। एक आदर्श गृहस्थ की छवि प्रस्तुत करने वाले शाहरूख खान अब फिल्में के अलावा खेल की दुनिया के बादशाह भी बन गए हैं और उन्हें छवि के स्तर पर यह डीवीडी सार्वजनिक होना काफी भारी पड़ सकता है। पिछले दिनाें एक शोरूम के उद्धाटन के सिलसिले में दिल्ली आए शाहरूख ने कहा कि वे इस डीवीडी के सार्वजनिक होने से बहुत आहत हैं और किसी भी कीमत पर इसका मूल प्रिंट खरीद लेना चाहते हैं। उन्हें यह पता नहीं कि वे फिल्म के अधिकार कैसे खरीदेंगे लेकिन पहले तो उन्हें बेचने वाले की तलाश है।

फिल्म के निर्माता और दीपा साही के पति केतन मेहता का कहना है कि उन्होंने फिल्म के प्रिंट इन्हें डेवलेप करने वाली लैव के पास छोड़ दिए थे और यह जानते कि वे इन प्रिंट के सार्वजनिक होने के लिए किसको जिम्मेदार माने। केतन मेहता ने कहा कि दीपा साही आज उनकी पत्नी नहीं हैं फिर भी वे उनकी बहुत इज्जत करते हैं और सपने में भी शाहरूख और उनके प्रेम दृश्यों को सार्वजनिक करने का विचार नहीं कर सकते।

सोनिया पर ज्योति बसु का हमला


डेटलाइन इंडिया

नई दिल्ली, 29 अप्रैल-माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को सपने में भी उम्मीद नहीं थी कि उनके बुजुर्ग नेता ज्योति बसु सीधे सोनिया गांधी पर हमला बोल देंगे। एक जमाने में सोनिया गांधी को सरेआम अपनी बेटी करार देने वाले ज्योति बसु ने इतना हास्यास्पद बयान दिया है कि दिल्ली में कामरेडों को मुंह छिपाना मुश्किल पड़ रहा है।

कोलकाता में पोलित ब्यूरो की बैठक के बाद ज्योति बसु जिस तरह सोनिया गांधी पर बरसे वह अप्रत्याशित था। 93 साल के होने जा रहे ज्योति बसु ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को राजनैतिक तौर पर नाबालिग करार दे दिया और कहा कि नंदीग्राम तो छोड़िए, सोनियां गांधी को पश्चिम बंगाल के भूगोल की भी पूरी जानकारी नहीं है।

नंदीग्राम एक ऐसा मुददा है जिस पर बंगाल की वामपंथी सरकार बार बार घेरे में आ रही है। उसके पास बचाव का कोई उपाय नही है लेकिन किसी को सपने में भी उम्मीद नहीं थी कि महंगाई पर बोलते बोलते ज्योति बसु इतना बहक जाएंगे कि सीधे श्रीमती गांधी को गालियां देने लगेंगे। जब मौका आया तो ज्योति बसु ने यह कहने से परहेज नहीं किया कि यूपीए गठबंधन के धर्म का पालन नहीं करेगी। उन्होने कहा कि सोनिया गांधी नंदीग्राम के लोगों के साथ झूठी सहानुभूति दिखा रही हैं और पश्चिम बंगाल सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।

ज्योति बसु के इस बयान के बाद कांग्रस और वामपंथियों के बीच पहले से तनाव में चले आ रहे संबंध और ज्यादा बिगड़ गए थे और कोई नहीं जानता कि यह किस हद तक गिरेंगे। जहां तक ज्योति बसु की बात है तो वे तो अपनी तरफ से रिटायर्ड हो ही चुके हैं और पार्टी उन्हें सिर्फ इज्जत देने के लिए पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाए हुए है।

सुब्बा ने सीबीआई से जवाब मांगा

डेटलाइन इंडिया

नई दिल्ली, 29 अप्रैल-कांग्रेस के बदनाम लोकसभा सदस्य मणिकुमार सुब्बा के खिलाफ सीबीआई ने भले ही अपनी रपट दे दी हो और उन्हें भारत का नागरिक मानने से भी इनकार कर दिया हो लेकिन सुब्बा ने आज साफ कर दिया कि वे सीबीआई को देश की प्रीमियम जांच एजेंसी की बजाय सरकारी नौकर मानते हैं।

कांग्रेस द्वारा अनपढ़ घोषित सुब्बा की ओर से आज सीबीआई मुख्यालय में अंग्रेजी में लिखी हुई एक चिटठी पहुंची जिसमें साफ शब्दों में निर्देश दिया गया था कि सीबीआई अपने वे आधार बताए जिनको उसने सर्वोच्च न्यायालय के सामने दी गई रपट में इस्तेमाल किया। आपको याद होगा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सुब्बा को सीबीआई जांच रपट का जवाब देने के लिए एक महीने का समय दिया है और उसमें से तीन दिन निकल चुके हैं।

सुब्बा दिल्ली में एक तालकटोरा रोड पर रहते हैं और उनका एक बड़ा फार्महाउस ही दिल्ली में है। सीबीआई अधिकारियों को आशंका है कि वे सच खुल जाने के बाद देश छोड़ कर भाग सकते हैं और इसीलिए सीबीआई अधिकारियों ने उन पर निगरानी रखने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुमति मांगने का फैसला किया है। इन अधिकारियों के मुताबिक सुब्बा आम तौर पर अपने सरकारी निवास पर नहीं रहते हैं और कहां कहां राते बिताते है यह उनके स्टाफ को भी नहीं पता होता है।

सुब्बा ने अब कांग्रेस को ब्लेकमेल करना शुरू कर दिया है। एक जमाने में उनके बंगले में मेहमान रहे एक भूतपूर्व मंत्री और वर्तमान सांसद के अनुसार सुब्बा ने उन्हें फोन करके कहा है कि अगर ऐसे मौके पर उनकी मदद नहीं की गई तो वे जिन जिन नेताओं को उन्होंने आर्थिक मदद दी है वे उन सबका खुलासा कर देगे। इसके अलावा उत्तर पूर्व की जिन पांच सरकारों ने सुब्बा पर सैकड़ों करोड़ रुपए हजम कर जाने के मामले दर्ज किए हैं, उन्हें भी सुब्बा कोई जवाब देने से इनकार कर रहे हैं। असम सरकार का नोटिस ले कर आए एक अधिकारी को तो कल ही बुरी धमका कर भगा दिया गया। सर्वोच्च न्यायालय सीबीआई के जांच पत्र का जवाब मिलने के बाद फैसला करेगा कि सुब्बा के अतीत के बारे में कोई जानकारी नेपाल सरकार से मांगी जाए या नहीं।

रामदौस अब माल्या से भिड़े


डेटलाइन इंडिया

नई दिल्ली, 29 अप्रैल-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अंबुमणि रामदौस अब किंगफिशर के मालिक और राज्य सभा के सदस्य विजय माल्या से भिड़ गए हैं। अपने आपको शराब और सिगरेट का दुश्मन करार देने वाले रामदौस ने आरोप लगाया है कि विजय माल्या आईपीएल मैचों के जरिए शराब का प्रचार कर रहे हैं।

रामदौस को असली आपत्ति विजय माल्या की टीम के नाम पर है। माल्या की कंपनी रॉयल चैलेंज नाम की व्हिसकी बनाती है। रामदौस का कहना है कि माल्या ने अपनी टीम का नाम रॉयल चैलेंजर रख कर अपनी शराब के ब्रांड का प्रचार करने का फैसला किया है। रामदौस ने आज दिल्ली में कहा कि विजय माल्या चाहे जितने रईस सांसद हों, उन्हें समाज के हितों के साथ नहीं खेलने दिया जाएगा।

रामदौस की असली दिक्कत यह है कि वे खुद माल्या का कुछ नहीं बिगाड़ सकते। उन्हें रॉयल चैलेंजर के मैचों के प्रसारण रोकने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्री प्रियरंजन दास मुंशी से शिकायत करनी पड़ेगी और श्री मुंशी पहले भी कई बार रामदौस की शिकायतों को गैर कानूनी बताते हुए अनदेखा और अनसुना कर चुके हैं। रामदौस ने कुछ महीने पहले सूचना और प्रसारण मंत्रालय से मांग की थी कि एल्कोहल और सिगरेट के विज्ञापन किसी भी रूप में प्रसारित होने से रोकने के लिए कानून बनना चाहिए।

श्री मुंशी ने जवाब दिया था कि शराब और उसके विज्ञापनों पर रोक लगाना राज्यों का काम है। रामदौस का यह भी प्रस्ताव है कि महात्मा गांधी के जन्म दिन दो अक्टूबर को किसी भी तौर पर शराब विरोधी दिवस घोषित किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार महात्मा गांधी के नाम के साथ इस तरह का कोई नया प्रयोग करने को तैयार नहीं है। वैसे भी महात्मा गांधी के जन्म प्रदेश गुजरात में पूरी नशाबंदी है।

दलाई लामा को चीनी लॉली पॉप


डेटलाइन इंडिया

नई दिल्ली, 29 अप्रैल-चीन ने अपना ओलंपिक बचाने के लिए अब दलाई लामा को ही हथियार बनाने का फैसला किया है। चीन सरकार ने दलाई लामा को बीजिंग ओलंपिक के उदघाटन समारोह में विशेष अतिथि के तौर पर बुलाने की तैयारी कर ली है और इस बारे में आधिकारिक पत्र कभी भी आ सकता है।

खुद दलाई लामा अपने समर्थकों और तिब्बत वासियों के प्रचंड विरोध को बावजूद कई बार कह चुके हैं कि चीन में ओलंपिक हों इससे उन्हें कोई एतराज नहीं हैं। उन्होंने इस आशय के कई बयान दिए है। दलाई लामा के समर्थक इन बयानों से बहुत नाराज हैं और उनमें से कई दलाई लामा की पूज्यता को भूलते हुए सरेआम उनके बयानों की आलोचना कर चुके हैं।

चीन सरकार की ओलंपिक कमेटी ने अपनी एक विशेष बैठक में यह प्रस्ताव पास किया है कि जिन विभूतियों को ओलंपिक के उदघाटन सत्र में बुलाया जा सकता है उनमें दलाई लामा भी एक हो सकते हैं। यह प्रस्ताव चीन के विदेश मंत्रालय को भेजा जाएगा और वहीं इस पर फैसला होगा।

भारत स्थित चीनी दूतावास का कहना है कि अभी तक उन्हें दलाई लामा को ओलंपिक के लिए आमंत्रित करने की कोई सूचना नहीं दी गई है लेकिन यह जरूर है कि चीन ने अपने भारत स्थित अधिकारियों को दलाई लामा के बारे में किसी भी तरह का काई भी बयान देने से रोक दिया है। अधिकारियों इस बात की पुष्टि की है। दलाई लामा के सचिवालय ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। एक अधिकारी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि दलाई लामा को बुलाने के पहले चीन सरकार को पहले यह तय करना होगा कि उन्हें बुलाया किस हैसियत से जा रहा है, अगर उन्हें तिब्बत राष्ट्र प्रमुख के तौर पर बुलाया जाएगा तो ही वे जाएंगे।

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