आलोक तोमर को लोग जानते भी हैं और नहीं भी जानते. उनके वारे में वहुत सारे किस्से कहे जाते हैं, ज्यादातर सच और मामूली और कुछ कल्पित और खतरनाक. दो बार तिहाड़ जेल और कई बार विदेश हो आए आलोक तोमर ने भारत में काश्मीर से ले कर कालाहांडी के सच बता कर लोगों को स्तब्ध भी किया है तो दिल्ली के एक पुलिस अफसर से पंजा भिडा कर जेल भी गए हैं. वे दाऊद इब्राहीम से भी मिले हैं और रजनीश से भी. वे टी वी, अखबार, और इंटरनेट की पत्रकारिता करते हैं.
Monday, March 10, 2008
घर लौट कर भी खतरा बने हुए हैं भज्जी
घर लौट कर भी खतरा बने हुए हैं भज्जी
डेटलाइन इंडिया
नई दिल्ली, 10 मार्च-सचिन तेंदुलकर तो सिर्फ आस्टे्रलिया के सबसे महान स्पिनर शेन वॉर्न के सपनों में आकर उनकी गेंदों की पिटाई करते थे। मगर टीम इंडिया के आस्टे्रलिया से वापस आने के बाद भी आस्टे्रलियाई टीम और बोर्ड जिस तरह से हरभजन सिंह का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि अब हरभजन सिंह आस्टे्रलिया के सभी खिलाड़ियों के सपनों में आते हैं।
टीम इंडिया के खिलाफ सिर्फ झूठ बोलने के लिए मशहूर हो चुकी आस्टे्रलियाई मीडिया ने लिखा था कि भज्जी ने भारत आ कर मैथ्यू हेडेन को झूठा और एडम गिलक्रिस्ट को बेईमान कहा था। लेकिन ऐसा लिखने और बताने वाली आस्टे्रलियाई मीडिया भी यह साबित नहीं कर पा रही है और भज्जी तो पहले ही इसे बकवास करार दे चुके हैं। लेकिन दौरा खत्म होने के बावजूद आस्टे्रलियाई बोर्ड ने बीसीसीआई से भज्जी की शिकायत की है और बीसीसीआई ने भज्जी को हिदायत दी है कि वे आस्टे्रलियाई दौरे के बारे में किसी तरह का कोई बयान नहीं दें।
मजे की बात तो यह है कि आस्टे्रलियाई बोर्ड ने बीसीसीआई को ई-मेल भेज कर कहा है कि जिस तरह उसने बीसीसीआई की शिकायत पर मैथ्यू हेडेन के खिलाफ कार्रवाई की थी, उसी तरह उसे उसकी शिकायत पर भज्जी के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन असलियत यह है कि जब हेडेन ने बदतमीजी की सभी हदें तोड़ते हुए भज्जी को जंगली झाड़ी और ऐसी अभद्र भाषा का खुलेआम इस्तेमाल किया था, तब भी उनके बोर्ड ने उन्हें सिर्फ चेतावनी दे कर छोड़ दिया था।
क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि आस्टे्रलियाई टीम इसीलिए ज्यादा बौखला गई है कि टीम इंडिया ने उसे चारों खाने चित्त कर दिया है। टीम इंडिया ने उसे खेल में तो मात दी है और साथ ही विपक्षी टीम पर उनके वाक युध्द वाले हथियार को भी बेकार कर दिया है। जिस तरह भज्जी से लेकर इशांत शर्मा ने कंगारूओं को उन्हीं की भाषा में मुंह तोड़ जवाब दिया है और अनिल कुंबले की कप्तानी में टेस्ट टीम ने कंगारूओं की बेईमानी को पूरी दुनिया को दिखा दिया, उससे आस्टे्रलियाई टीम ज्यादा बेइज्जत महसूस कर रही है।
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