आलोक तोमर को लोग जानते भी हैं और नहीं भी जानते. उनके वारे में वहुत सारे किस्से कहे जाते हैं, ज्यादातर सच और मामूली और कुछ कल्पित और खतरनाक. दो बार तिहाड़ जेल और कई बार विदेश हो आए आलोक तोमर ने भारत में काश्मीर से ले कर कालाहांडी के सच बता कर लोगों को स्तब्ध भी किया है तो दिल्ली के एक पुलिस अफसर से पंजा भिडा कर जेल भी गए हैं. वे दाऊद इब्राहीम से भी मिले हैं और रजनीश से भी. वे टी वी, अखबार, और इंटरनेट की पत्रकारिता करते हैं.

Monday, March 10, 2008

महारानी माया ने मनमोहन के रास्ते रोके




महारानी माया ने मनमोहन के रास्ते रोके
डेटलाइन इंडिया
नई दिल्ली, 10 मार्च-
मायावती को यह मुहावरा समझ में आ गया है कि जंग और प्यार में सब जायज होता है। वे इन दिनों प्रधानमंत्री बनने की जंग लड़ रही है और इसीलिए प्रधानमंत्री के वाराणसी और बुंदेलखंड दौरे को फ्लॉप करवाने में उनकी सरकार जुट गई है।

यह संयोग नहीं है कि उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग को बसों और ट्रकों में ओवरलोडिंग और अवैध यात्राओं के अलावा परमिट जांच करने और कोई भी खामी पाए जाने पर रद्द कर देने का अभियान छेड़ने की याद अभी ही आई है और इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री की यात्रा के ठीक पहले की गई है। जो वाहन सारे मानक पूरे कर लेंगे, उन्हें प्रदूषण जांच के नाम पर निपटा दिया जाएगा। इसके अलावा उपभोक्ता विभाग को आदेश दिया गया है कि वे वाराणसी और झांसी जाने वाले सभी रास्तों पर डीजल और पैट्रोल पंपों की जांच करें और जहां जरा भी गड़बड़ी मिले, उन्हें बंद करके अदालत में हलफनामा देने के लिए कहे। मनामोहन सिंह की सभाओं में भीड़ रोकने का यह पक्का इंतजाम है। वैसे भी मनमोहन सिंह को सुनने आते कितने लोग हैं?

जाहिर है कि बसपा को लोकसभा चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है। पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती चुनावी गणित जोड़ने में जुट गई हैं। उनकी नजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की वाराणसी और बुंदेलखंड यात्रा पर है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसके बाद वे अपने पत्ते खोलेंगी।

पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक 15 मार्च को कांशीराम का जन्मदिन है। इसे लखनऊ में मनाये जाने की योजना है। मायावती इसी दिन कांशीराम के नाम पर कुछ और परियोजनाओं की घोषणा करेंगी। जन्मदिन के अवसर पर सभी राज्यों के बसपा नेताओं को लखनऊ बुलाया गया है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के सभी मंत्रियों और विधायकों, सांसदों तथा सूबे के पार्टी कार्यकर्ताओं से लखनऊ में रहने की अपेक्षा की गई है। ऐसा समझा जा रहा है कि इसी दिन पार्टी अध्यक्ष मायावती राजनीतिक एजेंडे का खुलासा करेंगी। इसी दिन यह भी तय हो जाएगा कि केंद्र से कितनी दूरी बनाकर चलना ठीक होगा।

बजट में किसानों के कर्ज माफी की घोषणा और दिल्ली में प्रधानमंत्री तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की किसान रैली के बाद मायावती की निगाह अगले सप्ताह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रस्तावित वाराणसी यात्रा पर है। बसपा स्थितियों पर बारीकी से निगाह रखे हुए है। इसके अलावा प्रधानमंत्री बुंदेलखंड भी जाने वाले हैं। वहां के हालात देखने के बाद राहत की बड़ी घोषणा कर सकते हैं। इसे देखते हुए मायावती नफा-नुकसान का आकलन करने में लग गई हैं।

घर में क्यों नहीं बैठते राहुल गांधी?
डेटलाइन इंडिया
ब्रह्मपुर (उड़ीसा), 10 मार्च-
राहुल गांधी कांग्रेस की नैय्या डुबो कर ही मानेंगे। इधर उनकी पार्टी वाम दलों से एटमी करार के मामले पर उलझ रही है, तो राहुल गांधी अपना ही राग सुना रहे हैं। अकाल पीड़ितों के इलाके में उन्होंने कहा कि अगला लोकसभा चुनाव किसानों और युवाओं के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। पता नहीं, कांग्रेस और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने लाड़ले का स्वागत दिल्ली लौटने पर किस भाषा में करेंगी?

राहुल गांधी कांग्रेस के महासचिव भी हैं इसीलिए उनकी इस बात को निजी राय कह कर नहीं टाला जा सकता। उनकी भारत यात्रा जिसे उन्हें जोर-शोर से कांग्रेस ने उन्हें अखिल भारतीय नेता बनाने के लिए आयोजित किया था, अब पार्टी पर भारी पड़ने लगी है। सबसे ज्यादा सनसनी तो तब फैली, जब कोरापुट जिले में राहुल गांधी को अचानक आइडिया सूझा और वे एक गांव में अचानक पहुंच गए। माओवादी आतंक के शिकार इस इलाके में सुरक्षाकर्मियों को भी खबर नहीं दी गई थी।

राहुल गांधी ने पहली बार चुनावी मुद््दे उठाए। अभी तक वह युवा और स्थानीय समस्याओं पर खुद को केंद्रित करते रहे हैं। युवा सांसद ने ठीक उस वक्त प्रधानमंत्री को मुबारकबाद दी जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राजग पर निशाना साध रही थीं। राहुल के मुताबिक यूपीए सरकार ने हालात बदले हैं। रोजगार गारंटी योजना के तहत करोड़ों लोगों का रोजगार मिला है। किसानों के ऋण माफ किए हैं। इसलिए, प्रधानमंत्री को मुबारकबाद दिया जाना चाहिए। राहुल गांधी के हावभाव से साफ था कि वह लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। राहुल ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर जिस तरह से निशाना साधा उससे साफ महसूस हो रहा था कि वह पार्टी की परंपरागत रण्ानीति पर यकीन नहीं रखते। कांग्रेस खुद का बचाव कर दूसरे पर वार करती है। पार्टी महासचिव अपने मंच पर दिल्ली से आने वाले नेताओं को भी ज्यादा तरजीह नहीं देते। बल्कि स्थानीय नेताओं को वक्त देते हैं। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि इससे स्थानीय नेताओं का हौसला बढ़ता है।

युवा सांसद राहुल गांधी ने पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री की तारीफ की है। उनका मकसद राजग की कमजोर प्रधानमंत्री की मुहिम के जवाब के साथ यह बताना था कि मनमोहन सिंह सरकार की उपलब्धियां ही उसके चुनावी मुद््दे हैं। राहुल गांधी चाहते हैं कि युवा आगामी लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाएं। इसलिए उन्होंने युवा नेताओं से स्थानीय मुद््दे तलाशने और यूपीए सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने की हिदायत भी दी है।

खेल युवाओं तक पहुंच बनाने का सबसे बेहतर माध्यम है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी इन दिनों इसी फार्मूले पर अमल कर रहे हैं। इसके लिए जहां वे अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में क्रिकेट टूर्नामेंट कराते हैं। वहीं हाकी और फुटबाल को बढ़ावा देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। राहुल गांधी ने आज नाल्को का दौरा कर वहां के कर्मचारियों से मुलाकात की। रास्ते में लौटते हुए उन्होंने स्थानीय खिलाड़ियों के साथ बैठकर फुटबाल मैच देखा। इससे पहले युवा सांसद ने हाकी
के खिलाड़ियों से भी मुलाकात की थी।

माया के शिकार महानायक
डेटलाइन इंडिया
बाराबंकी, 10 मार्च-
अमिताभ बच्चन कई तरफ से घिरे हैं। एक तरफ उनका घर माने जाने वाले गांधी परिवार से उनके संबंध नष्ट होने की हद तक बिगड़ गए हैं और दूसरी तरफ कभी इनकम टैक्स तो कभी बंगले की मालकियत को ले कर उन्हें घेरा जाता है, तो कभी उनके बेटे की शादी के खर्चें को लेकर।

अब उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने भी साफ कर दिया है कि वे सोनिया गांधी को भले ही चाहें जितना नापसंद करने लगी हों, लेकिन मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह के किसी मित्र को छोड़ने वाली नहीं हैं। यह लड़ाई मायावती अब अदालत के जरिए लड़ रही हैं और अमिताभ बच्चन इस शतरंज में मोहरे की तरह इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

बाराबंकी जिले के दौलतपुर गांव की जमीन को लेकर बिग बी पर फिर शिकंजा कसने की तैयारी है। शासन के आदेश के बाद बाराबंकी जिला प्रशासन अमिताभ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ जिलाधिकारी रविन्द्र की ओर से उच्चत्तम न्यायालय में सोमवार को विशेष अपील दाखिल करेगा। जिलाधिकारी के साथ उपजिलाधिकारी, तहसीलदार फतेहपुर के अलावा सरकारी वकीलों की टीम दो दिन पहले दिल्ली जा चुकी है। घटनाक्रम से साफ है कि अमिताभ बच्चन भले ही विवादित भूमि से दावा छोड़ दिए हो पर विवाद उनका पीछा छोड़ता नहीं नजर आ रहा है।गौरतलब है कि फतेहपुर तहसील के दौलतपुर गांव में गाटा सं. 702 रकबा 2 बीघा 5 बिसवां 9 बिस्वांसी जमीन 11 जनवरी 1983 से माल खाने के रिकार्ड में अमिताभ बच्चन पुत्र स्व. हरिवंश राय बच्चन 17 क्लाइव रोड इलाहाबाद के नाम दर्ज की गई थी।

जिल्द बंदोबस्त आकार पत्र सं. 45 की एक प्रति में अमिताभ का नाम दर्ज किया गया है। अमिताभ बच्चन की ओर से महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल परगना में कृषि योग्य 24 एकड़ क्षेत्र में फैला एक फार्म हाउस 2000-2001 में महाराष्ट्र सरकार से खरीदा गया। महाराष्ट्र के कानून के मुताबिक कृषि योग्य जमीन कोई किसान ही खरीद सकता है। इसलिए अमिताभ बच्चन के खिलाफ किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया। जिस पर पूणे जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर अमिताभ बच्चन से पुराना किसान होने का सुबूत मांगा।

फरवरी 2006 में अमिताभ बच्चन द्वारा दौलतपुर के किसान होने की नकल की कापी पुणे प्रशासन को सौंप दी। जिस पर पुणे जिले की मावल तहसील के एसडीओ भानुदास गायकवाड़ ने 2006 को बाराबंकी के डीएम और फतेहपुर तहसील पत्र भेजकर नकल प्रति की सत्यता के बारे में प्रमाण पत्र मांगा।

तत्कालीन जिलाधिकारी आशीष गोयल ने उप संचालक चकबन्दी आर.पी. शुक्ला की जांच आख्या में अमिताभ बच्चन के पक्ष में कागजातों में जमीन की प्रविष्टि को फर्जी बताते हुए खारिज करने का आदेश दे दिया। साहू ने 24 अप्रैल को एक आदेश करके पूर्ववर्ती डी.एम. आशीष गोयल के आदेश पर रोक लगा दी। अमिताभ बच्चन को सुनवाई का मौका देकर अंतिम निस्तारण होने तक जमीन बच्चन के पक्ष में रहने का आदेश जारी कर दिया।

डीएम के इस फैसले के खिलाफ अमिताभ बच्चन के मुख्तारेआम विनय शुक्ला ने आयुक्त फैजाबाद के यहां अपील दाखिल की। 1 जून 2007 को अपर आयुक्त फैजाबाद ने अपने फैसले में अमिताभ को उक्त जमीन हासिल करने की पूरी कार्यवाई को निराधार, फर्जी और कूटरचित बताते हुए डीएम बाराबंकी को अमिताभ का नाम राजस्व अभिलेखों से खारिज करने का आदेश दिया था। इसके बाद अमिताभ बच्चन उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ पीठ में अपर आयुक्त फैजाबाद के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की। उच्च न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र देकर विवादित भूमि में पिछले आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने और जमीन से दावा छोड़ने का प्रार्थना पत्र दिया गया।

11 दिसम्बर 2007 को जस्टिस अमर नाथ वर्मा की एकलपीठ ने पांच बिन्दुओं पर फैसला सुनाकर बिग-बी को उनकी याचिका वापस लेने की प्रार्थना को मंजूर करते हुए कहा कि विवादित भूमि ग्राम सभा के पक्ष में रहेगी। कोर्ट में यह भी कहा कि अमिताभ बच्चन इस भूमि पर किसी तरह का दावा व स्वामित्व नहीं जताएंगे। अदालत ने इस विवाद के मुददे पर अमिताभ के विरूद्ध आपराधिक व दीवानी व राजस्व कार्रवाई न करने का फैसला सुनाते हुए अमिताभ को बड़ी राहत दी थी।

सूत्रों का कहना है कि उच्च न्यायालय द्वारा आपराधिक, राजस्व व दीवानी की कार्रवाई की रोक हटाने की बात प्रमुखता से की जाएगी। यदि उच्चत्तम न्यायालय ने जिला प्रशासन की विशेष अपील सुनने के बाद उच्च न्यायालय के फैसले में बदलाव किया तो अमिताभ बच्चन के लिए एक बार फिर बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।

चीन की नजर भारतीय समुद्र पर
डेटलाइन इंडिया
नई दिल्ली, 10 मार्च-
हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा फिर से याद करने वाले इस खबर को ध्यान से पढ़ लें। चीन ने भारत की रक्षा तैयारियों पर अपनी निगाह को पैना करना शुरू कर दिया है। अब कोको द्वीप पर उसकी नई तैयारियों से नौसेना सकते में है। म्यांमार के लिए कोको द्वीप पर विकसित किए गए बेस पर इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस स्टेशन की स्थापना की दिशा में उसने काम शुरू कर दिया है।

खुफिया सूत्रों के मुताबिक ऐसा हो जाने पर वह सीधे अंडमान निकोबार द्वीप तक भारतीय नौसेना की गतिविधियों पर नजर रख सकेगा। यह द्वीप बंगाल की खाड़ी में म्यांमार की सीमा में पड़ता है। म्यांमार से इसकी दूरी महज 300 किमी है और हिंद महासागर में अलेक्जेंड्रा चैनेल के पास स्थित है। म्यांमार में सैनिक शासन है और यही वजह है कि भारत वहां लोकतंत्र की लड़ाई में वहां की जनता की मदद करने की बजाय बार-बार सैनिक शासन का ही सहयोग कर रहा है।

सूत्रों के मुताबिक भारतीय नौसेना के विकास कार्यक्रम और पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली मिसाइल प्रणाली के विकास की संभावना को देखते हुए चीन ने कोको द्वीप पर तेजी से अपनी धमक बढ़ानी शुरू कर दी है। पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश पहले की कह चुके हैं कि कोको द्वीप पर चीन की उपस्थिति को लेकर पहले ही हमारे पास सूचना थी। जब वह नौसेनाध्यक्ष थे तब भी इसकी चर्चा थी कि चीन म्यांमार के बेस के सहारे हमारी सीमा में ताकझांक कर रहा है।

एडमिरल के अनुसार बाद में हमारे नौसेना के दो अधिकारी भी वहां गए थे लेकिन तब ऐसा कुछ नहीं था। लेकिन हाल के डेवलपमेंट को देखते हुए एक बार फिर चीन ने कोको द्वीप की ओर रुख किया है। इससे पहले उसका एक छोटा सा पोत कोको द्वीप पर रहता था लेकिन अब ऐसी बात नहीं है। वहां चीन की बराबर उपस्थिति देखी जा रही है। उसने वहां अपने खुफिया तंत्र की इकाई स्थापित करने का काम शुरू कर दिया है। इसके जरिये वह अंडमान निकोबार द्वीप तक नौसेना की गतिविधियों पर निगाह रख सकेगा।

साध्वी का कल्याण करने पर तुले कल्याण सिंह
डेटलाइन इंडिया
आगरा, 10 मार्च-
कल्याण सिंह और उमा भारती के बीच भाई-बहन का रिश्ता बार-बार प्रगाढ़ होने के सबूत देता जा रहा है। कल्याण सिंह का मानना है कि उमा भारती को लाए बिना भाजपा का उध्दार नहीं हो सकता और अपनी एकजुटता दिखाने के लिए साध्वी और कल्याण सिंह कोई मौका नहीं छोड़ते।

उमा भारती को सकारात्मक सोच की सलाह देने के साथ ही उन्होंने उमा की पार्टी में वापसी के लिए भाजपा को भी पहल करने की सलाह दी लोधी राजपूत समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में शिरकत करने के लिए भारतीय जनशक्ति की सुप्रीमो उमा भारती आगरा आईं लेकिन समारोह से इतर उन्होंने किसी बैठक आदि में शिरकत नहीं की।

बस 15 मिनट तक भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कल्याण सिंह से अकेले में गुफ्तगू की और पत्रकारों से बिना मिले शाम को दिल्ली रवाना हो गईं।उमा को विवाह सम्मेलन में शामिल होने के लिए अपराह्न तीन बजे आगरा पहुंचना था लेकिन वह लगभग ढाई घंटे देरी से पहुंचीं। लोधई-श्यामो मोड़ पर सीधे वह समारोह स्थल पहुंची। मंच पर पहुंच कर कल्याण सिंह से आशीर्वाद लिया। वर वधू को आशीर्वाद दिया और लोधी राजपूत समाज के उत्थान के लिए परम्परावादी भाषण भी दिया। बताते हैं कि इसके बाद समारोह स्थल से इतर उन्होंने कल्याण सिंह से अकेले में बात भी की। समझा जा रहा है कि उमा का भाजपा में वापसी कराने के लिए ही कल्याण सिंह ने उनसे बात की।

कल्याण से वार्ता करने के बाद उमा भारती कुछ देर के लिए सर्किट हाउस आईं। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं से कुछ क्षण के लिए मुलाकात की और अचानक दिल्ली के निकल पड़ीं। हालांकि उनकी पार्टी ने एक होटल में उमा भारती की पत्रकार वार्ता का आयोजन किया था लेकिन आलम यह रहा कि दिए समय पर पत्रकार पहुंचे तो पता चला कि यहां वह हैं ही नहीं। सर्किट हाउस पहुंचने पर पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों का जवाब था कि उनकी पैर में अचानक दर्द उठने लगा, इसलिए समय से पहले ही वह दिल्ली निकल गईं।

लोधी समाज के सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए रविवार को आगरा आए कल्याण सिंह ने एक केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपने वोट बैंक की खातिर मुस्लिमों को संतुष्ट करने में लगी है। राम सेतु पर दिये जा रहे बयान और आतंकी अफजल गुरु को फांसी नहीं दिये जाने के पीछे का कारण सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति है।

उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार मुस्लिमों के लिए अलग से प्रावधान करके कांग्रेस ने केंद्रीय बजट को सांप्रदायिक रंग देकर घिनौनी राजनीति का उदाहरण पेश किया है। कांग्रेस के इस रूप का पर्दाफाश करने के लिए जनता के बीच भाजपा कार्यकर्ता जाएंगे। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में राममंदिर और राम सेतु मुद्दा उछालने के भी संकेत दिए। राम सेतु को ऐतिहासिक धार्मिक धरोहर घोषित करने की मांग भी उन्होंने की। उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत होगी। लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में यदि गठबंधन करना होगा तो हम जदयू से करेंगे। किसी अन्य से नहीं।

प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बसपा सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है। मायावती सरकार कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार मुक्त समाज और सामाजिक समरसता के जिन तीन मुद्दों पर जीत कर आई है, उसमें फेल हो चुकी है। पार्टी में बैठे अपराधी प्रवृत्ति के मंत्री और विधायकों की वजह से प्रदेश में भ्रष्टाचार और अपराध का ग्राफ बढ़ा है। विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के पीछे उनका कहना है कि पार्टी अपने आप को विकल्प के रूप में पेश नहीं कर पाई, जिसका फायदा बसपा ने उठाया और उसकी सरकार बन गई।

भारत-पाक सीमा पर खतरनाक बर्फ
डेटलाइन इंडिया
श्रीनगर, 10 मार्च-
पूरे देश में गर्मियों ने दस्तक दे दी है, लेकिन भारत-पाक सीमा पर बड़ा इलाका ऐसा है, जहां अब भी बर्फ की वजह से बाकी देश से संपर्क टूटा हुआ है। खास तौर पर घाटी में बर्फबारी बंद हुए एक माह बीतने के बावजूद एक ऐसा भी गांव है, जो राहत कार्यों के दायरे में नहीं आ सका। बर्फ से घिरे इस सीमावर्ती गांव में दाना-पानी का स्टॉक खत्म हो चुका है।

यहां तक कि बीमार पड़ चुके दो सौ के करीब लोगों के लिए अब दवा भी उपलब्ध नहीं है। जिला मुख्यालय से कटे होने के कारण गांव की दुर्दशा की सूचना बाहर पहुंच भी नहीं पा रही है। हालांकि पिछले दिनों कुछ लोगों ने पांच घंटे बर्फ पर पैदल चलकर गांव से बाहर आने की हिम्मत जुटाई और डीसी से मिलकर स्थितियों की जानकारी दी।

हालात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 600 लोगों वाले गांव के एकमात्र डिस्पेंसरी में कोई मेडिकल स्टाफ नहीं है। वहां का सफाई कर्मचारी लोगों का इलाज करता है। अब दवा ही खत्म हो गई तो सफाई कर्मचारी भी बेबस हो गया है। इलाके के डीसी ने बताया कि जंगली एरिया होने के कारण वहां से बर्फ नहीं हटाया जा सका है। लोगों ने कहा होता तो गर्मी के दिनों में ही गांव में पर्याप्त रोशन स्टोर कर दिया जाता।हंदवाड़ा से करीब 40 किलोमीटर दूर
सीमावर्ती गांव मिडरुआ मांगल के लोग आज भी सरकारी मददगारों की बाट जोह रहे हैं।

इस गांव में एक नवंबर से ही बर्फबारी शुरू हो गई थी, जो जनवरी आखिर तक जारी रही। इस दौरान कई रिहायशी घरों के साथ-साथ इलाके का एकमात्र सरकारी मिडिल स्कूल भी बर्फबारी का बोझ सह नहीं सका और पूरी तरह से ढह गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि पहली नवंबर को इस गांव का संपर्क हंदवाड़ा से टूट गया था। उसके बाद से किसी भी सरकारी अधिकारी ने इलाके का दौरा नहीं किया है। गुलाम रसूल बताते हैं कि चार महीने से हम अलग-थलग पड़े हुए हैं। अधिकारियों को इस बात की कोई परवाह नहीं है। गांव में इस दौरान खांसी, बुखार और दूसरी इंफेक्शन के कारण 200 लोग बीमार पड़े हैं। इनके इलाज के लिए कोई भी डाक्टर मौजूद नहीं है। मरीजों में दिलशादा बेगम पत्नी अब्दुल रशीद खान, रेशमी जान पत्नी आमिर खान, शाह बेगम पत्नी असदउल्ला मीर और याकूब खान के दस साल के बच्चे की हालत गंभीर है।

लोगों बताया कि गांव में एक डिस्पेंसरी है, जहां सफाई कर्मचारी के अलावा और कोई स्टाफ नहीं है। सफाई कर्मचारी नजीर अहमद चौपान ही समय-समय पर लोगों का इलाज भी करता है। इलाके में अभी तक पांच से छह फीट बर्फ जमा है।

मुश्ताक अहमद ने बताया कि वर्ष 2000 में बेहामा से बांगस तक सड़क बनाए जाने का ऐलान किया गया, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। इस इलाके से मुख्य सड़क तक पहुंचने में तकरीबन पांच घंटे का सफर पैदल तय करना पड़ता है। लोगों ने शिकायत की है इलाके में बिजली नहीं आ रही है। लकड़ी के मशाल से रोशनी फैलाई जाती है। पीने की पानी का भी कोई इंतजाम नहीं है। कुपवाड़ा डीसी स्फंदयार खान ने माना कि इस सरहदी गांव में अभी भी बर्फ है। लोगों को राशन और इलाज की दिक्कत हो रही है, के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर गर्मी के दिनों ने लोगों ने बताया होता तो, राशन गांव में ही स्टोर कर देते। घना जंगल और सीमा करीब होने के कारण अधिकारी बिना पुख्ता सुरक्षा के वहां पर नहीं जा सकते हैं।

नाच-गाने से भी नहीं चली आईसीएल
डेटलाइन इंडिया
पंचकूला, 10 मार्च-
बीसीसीआई की इंडियन प्रीमियर लीग के शुरू होने से पहले सुभाष चंद्र गोयल की इंडियन क्रिकेट लीग फ्लॉप होती नजर आ रही है। हैरानी की बात तो यह है कि आईसीएल में भीड़ जुटाने के लिए ग्लैमरस अभिनेत्री नेहा धूपिया का डांस भी कराया गया, उसके बावजूद पंचकूला के सेक्टर-3 का छोटा सा स्टेडियम भी खाली रह गया।

रविवार को यह मैच चंडीगढ़ लायंस और अहमदाबाद राकेट््स के बीच हुआ। जिसमें बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा धूपिया ने धमाकेदार स्टेज परफारमेंस दी। दो घंटे के इंतजार के बाद नेहा धूपिया स्टेडियम में आईं। स्टेडियम में दर्शकों की उपस्थिति बहुत कम थी। लेकिन इन दर्शकों ने उनका साथ दिया और जमकर नाचे। उन्होंने मैच की एक इनिंग के बाद स्टेज पर परफारमेंस दी। उन्होंने यहां बॉलीवुड के सुपरहिट गीतों के रिमक्स और डॉन के गीतों पर जमकर ठुमके लगाए। नेहा ने यहां मैच का आनंद भी लिया।

जूली, दस कहानियां, गरम मसाला जैसी फिल्मों में नाम कमा चुकी नेहा धूपिया ने कहा कि उनको आईसीएल के लिए यहां स्टेज पर परफार्म करना अच्छा लगा। नेहा ने कहा कि आईसीएल क्रिकेट को ही नहीं बल्कि मनोरंजन को भी प्रमोट कर रहा है। वैसे, नेहा धूपिया भी क्रिकेट मैच लाइव देखने की शौकीन है। उन्होंने बताया कि उनकी पसंद क्रिके टर राहुल द्रविड़, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी और क्रिस क्रेयर्न्स हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म कयामत के बाद उन्होंने बॉलीवुड़ के उतार चढ़ाव खूब देख लिए हैं। अब वे बालीवुड में बनाई गई सेक्सी इमेज को पूरी तरह से खत्म कर कुछ थ्रिलर फिल्में करना चाहती हैं। जिससे उनकी अभिनय प्रतिभा झलके। बॉलीवुड की कई नई अदाकारा दीपिका और सोनम कपूर के बारे में नेहा ने कहा कि बालीवुड में हर एक अभिनेता व अभिनेत्री की अपनी अलग जगह होती है। इस से किसी नए कलाकार के आने से पुराने की जगह नहीं बदलती है। फिलहाल नेहा महारथी, रात गई बात गई नामक फिल्मों में काम कर रहीं है।

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