आलोक तोमर को लोग जानते भी हैं और नहीं भी जानते. उनके वारे में वहुत सारे किस्से कहे जाते हैं, ज्यादातर सच और मामूली और कुछ कल्पित और खतरनाक. दो बार तिहाड़ जेल और कई बार विदेश हो आए आलोक तोमर ने भारत में काश्मीर से ले कर कालाहांडी के सच बता कर लोगों को स्तब्ध भी किया है तो दिल्ली के एक पुलिस अफसर से पंजा भिडा कर जेल भी गए हैं. वे दाऊद इब्राहीम से भी मिले हैं और रजनीश से भी. वे टी वी, अखबार, और इंटरनेट की पत्रकारिता करते हैं.

Friday, March 28, 2008

राजबीर सिंह की डायरी के रहस्य







आलोक तोमर
डेटलाइन इंडिया
नई दिल्ली , 28 मार्च -हमने कल लिखा था कि गुडगांव में मारे गए दिल्ली के बहाुदर लेकिन विवादस्पद पुलिस अधिकारी राजबीर ंसिंह की डायरी को लेकर दिल्ली पुलिस के दर्जनों बड़े अधिकारी परेशान है क्योंकि इस डायरी में राजबीर के अलावा उनके घपलों का भी खुलासा होना तय है। राजबीर सिंह अपनी धन दौलत का हिसाब किताब रखता ही था लेकिन दिल्ली के कई आला अफसरों के पूंजी निवेश में उसी मदद ली थी।
यह डायरी अब मिल गई है और इसे सिर्फ जब्त करना बाकी है। राजबीर सिंह का परिवार इस डायरी को छुपाने वाला नहीं है क्योंकि दिल्ली पुलिस द्वारा अपनी उपेक्षा से नाराज राजबीर सिंह के परिवार ने दिल्ली पुलिस को सबक सिखाने की कसम खा ली है। अब आप देखते जाइए कि आने वाले दिनों में दिल्ली और हरियाणा पुलिस के कितने अफसरो ंके सिर कलम होते हैं। राजबीर सिंह की डायरी में जो उसकी बहन के पास चंडीगढ़ मे ंबतायी जा रही है, बहुत सारे बारूदी धमाके कैद हैं। हमें मिली जानकारी के अनुसार कुछ जानकारियां इस तरह हैं-
1- दिल्ली पुलिस के एक भूतपूर्व आयुक्त और उनकी पत्नी की चंडीगढ़ और आसपास संपत्ति की खरीद की जिम्मेदारी राजबीर सिंह ने ही ली थी और इसके लिए रकम जुटाने का काम भी राजबीर सिंह ने ही किया था। इनमे से कुछ संपत्तियां बेची भी गई हैं और उनसे होने वाली कमाई का ब्यौरा भी इसी डायरी में मौजूद है। अपने खिलाफ जांच कर रहे एक संयुक्त आयुक्त को राजबीर सिंह ने अपने एक अपराधी संपर्क से मोटा पैसा दिलवाया था और उसके लिए गुड़गांव में जमीन भी खरीदकर दी थी।
2- एक भूतपूर्व गृह सचिव के बेटे के नाम राजबीर सिंह ने दिल्ली और गुड़गांव में संपत्तियां खरीदी थी और नकद भुगतान भी किया था।
3- दिल्ली पुलिस के एक दिवंगत अधिकारी के पांडीचेरी से आए पैसे को हवाला के जरिए खपाने का काम भी राजबीर सिंह ने ही किया था।
4- अपनी एक विदेश यात्रा के दौरान राजबीर सिंह ने ओमान स्थित एक भारतीय बिल्डर से पैसा लेकर अपने अधिकारियों के लिए महंगे उपहार खरीदे थे और उन्हें कस्टम से बगैर कोई डयूटी दिए निकलवाने का काम हवाई अड्डे पर तब तैनात एक एसीपी ने किया था।
5-दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी की बेटी की शादी में राजबीर सिंह ने पूरा इतंजाम किया था। इस अधिकारी को इस काम के लिए इंतजाम की गई रकम में से बची हुई रकम दे दी गई थी और इस रकम से दक्षिण दिल्ली मे एक प्लॉट खरीदा गया।
6- राजबीर सिंह ने गुड़गांव पुलिस के कई बड़े अधिकारियों को भी समय समय पर रकम और उपहार दिए थे।
7- दिल्ली पुलिस की अपराध अन्वेषण शाखा के एक अधिकारी को जो राजबीर सिंह के पड़ोस में ही रहते हैं उसने निवेश के लिए मोटी रकम भी दी थी।
यह सारी जानकारियां हमारी सूचना के मुताबिक किसी कोड भाषा में नहीं लिखी हैं और इनकी पूरी जानकारी आसानी से ली जा सकती है। अब मामला चूंकि सीबीआई के पास पहुंच गया है इसलिए पुलिस अधिकारी चाह कर भी इसके रहस्यों को गोपनीय नहीं रख पाएंगे।

1 comment:

R Tyagi said...

ye sab padakar accha lagaa.